*"कोर्ट: राज्य बनाम एक कोई नहीं"* (2025) एक कोर्टरूम ड्रामा है, जो न्याय प्रणाली की जटिलताओं और समाज की वास्तविकताओं को उजागर करती है। इस फिल्म का निर्देशन राम जगदीश ने किया है, जिन्होंने इस विषय को संवेदनशीलता और ईमानदारी से प्रस्तुत किया है।
कहानी: एक साधारण युवक की न्याय की खोज
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कहानी 19 वर्षीय चंदू (हर्ष रोशन) की है, जो विभिन्न छोटे-मोटे काम करता है। उसकी मुलाकात 17 वर्षीय जाबिली (स्रीदेवी) से होती है, और दोनों के बीच प्यार पनपता है। जाबिली के मामा, मंगपति (शिवाजी), जो जातिवाद और परिवार की इज्जत के प्रति संवेदनशील हैं, इस रिश्ते को स्वीकार नहीं करते। एक दिन चंदू और जाबिली के साथ समय बिताते हुए पुलिस उन्हें पकड़ लेती है, और चंदू पर ब्लैकमेलिंग, यौन उत्पीड़न और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप लगाए जाते हैं, क्योंकि जाबिली एक नाबालिग है। इस केस में वकील सूर्या तेजा (प्रियदर्शी) की भूमिका महत्वपूर्ण मोड़ लेती है।
प्रदर्शन: सशक्त अभिनय की मिसाल
- *प्रियदर्शी पुलिकोंडा (सूर्या तेजा)*: एक उभरते हुए वकील के रूप में प्रियदर्शी ने अपनी भूमिका में गहराई और विश्वसनीयता लाई है। कोर्टरूम में उनकी उपस्थिति प्रभावशाली है, और उन्होंने अपने किरदार को सजीव रूप से प्रस्तुत किया है। [1]
- *शिवाजी (मंगपति)*: मंगपति के रूप में शिवाजी ने एक जटिल और शक्तिशाली किरदार निभाया है। उनकी भूमिका फिल्म का केंद्रीय बिंदु है, और उन्होंने इसे प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है। [2]
- *हर्ष रोशन (चंदू)* और *स्रीदेवी (जाबिली)*: दोनों ने युवा प्रेमियों के रूप में अपनी भूमिका को सादगी और वास्तविकता के साथ निभाया है, जो दर्शकों के साथ जुड़ाव स्थापित करती है। [3]
निर्देशन और तकनीकी पक्ष
राम जगदीश ने एक संवेदनशील विषय को उठाया है, लेकिन कोर्टरूम ड्रामा के तत्वों में फिल्म कुछ हद तक कमजोर पड़ती है। कानूनी प्रक्रिया की जटिलताओं को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में कुछ कमी महसूस होती है। फिल्म की गति धीमी है, जो कुछ दर्शकों के लिए निराशाजनक हो सकती है। संगीत और पृष्ठभूमि स्कोर औसत हैं, जो कभी-कभी भावनाओं को मजबूती से नहीं पहुंचा पाते। [4]
Watch this video for movie story line 👇👇निष्कर्ष: एक सोचने पर मजबूर करने वाली फिल्म
*"कोर्ट: राज्य बनाम एक कोई नहीं"* एक ऐसी फिल्म है जो न्याय प्रणाली की खामियों और समाज की वास्तविकताओं को उजागर करती है। यह फिल्म दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है कि क्या सच में न्याय सभी के लिए समान है, विशेष रूप से जब आपके पास संसाधन और प्रभाव नहीं होते। यदि आप गहरे विषयों पर आधारित फिल्मों के प्रेमी हैं, तो यह फिल्म आपके लिए है।
*रेटिंग:* ⭐⭐⭐☆ (3.5/5)
यदि आप कोर्टरूम ड्रामा और सामाजिक विषयों पर आधारित फिल्मों के शौकिन हैं, तो *"कोर्ट: राज्य बनाम एक कोई नहीं"* आपके लिए एक विचारणीय विकल्प हो सकती है।
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